हे शारदे माँ ! हे शारदे माँ !, अज्ञानता से हमें तार दे माँ।
तू स्वर की देवी ,संगीत तुजसे ,हर शब्द तेरा ,हर गीत तुजसे।
हम है अकेले ,हम है अधूरे ,तेरी चरण हम,हमे तार दे माँ।
हे शारदे माँ। (१)
मुनियों ने समझी ,गुणियो ने जानी, आगम की भाषा,जिनवर की वाणी।
हम भी तो समझे , हम भी तो जाने, विद्या का हमको अधिकार दे माँ।
हे शारदे माँ। (२)
तू स्वेत वर्णी ,कमल पर बिराजे ,हाथो में वीणा ,मुकुट सर पे साझे।
मन से हमारे ,मीटा दे अँधेरा ,हमको उजाले का संसार दे माँ।
हे शारदे माँ। (३)
तू स्वर की देवी ,संगीत तुजसे ,हर शब्द तेरा ,हर गीत तुजसे।
हम है अकेले ,हम है अधूरे ,तेरी चरण हम,हमे तार दे माँ।
हे शारदे माँ। (१)
मुनियों ने समझी ,गुणियो ने जानी, आगम की भाषा,जिनवर की वाणी।
हम भी तो समझे , हम भी तो जाने, विद्या का हमको अधिकार दे माँ।
हे शारदे माँ। (२)
तू स्वेत वर्णी ,कमल पर बिराजे ,हाथो में वीणा ,मुकुट सर पे साझे।
मन से हमारे ,मीटा दे अँधेरा ,हमको उजाले का संसार दे माँ।
हे शारदे माँ। (३)