Prayer to God
हे ह्रदय स्वामी !तु ही मेरे जीवन का आचार्य बन।
मेरे विकास के लिए जो कडवा -मीठा अनुभव कराना हो वह जरुर करा।
मै यह नहीं माँगता की मेरी जीवन साधना सरल हो।
जैसे सख्त गर्मी और सख्त ठंडी से वृक्ष की शक्ति बढती है ,
और छोटे -छोटे पेड़ो में प्राण शक्ति का विकास होता है,
वैसे ही सुख -दुःख ,लाभ -हानी और जय -पराजय से,
हमारा जीवन गंभीर,समर्थ और समर्द्ध ही होगा,हमारी संस्कार समता बढ़ेगी ही।
हम कभी नहीं मांगेगे की हमारी शिक्षा सुखमय हो।
हमारे जीवन के चाहे जितने टुकडे हो जाए .
हमारा ह्रदय अटूट रहे ,इसके टुकडे ना हो ! मेरे भगवान्
हमारी निष्ठा में कभी दुविधा ना आ जाए ,
बुद्धि एक बात और ह्रदय दूसरी बात कहे,ऐसी हमारी विडम्बना ना हो।
अगर हमारा ह्रदय अटूट रहेगा तो हमें किसी भी वस्तु की परवाह नहीं।
भगवान् !हमें अविच्छिन ह्रदय का वरदान दो और फीर
हमारे पास से जो चाहे काम लो ,और चाहे जिस हालात में रखो
हमें मंजूर है।