My Dear Daughter !( Hindi)

                                                बेटी चली ससुराल !


प्रिय बेटी जीनल ,                                                            08 /02/15

अपने इस घर में तुम सुरक्षित ,निश्चिंत और आजादी का जीवन बिता रही थी । आज तुम अपना नया आशियाना बसाने जा रही हो इस अवसर पर हम तुमसे कुछ ख़ास बाते बताना चाहते  है, अपने माता -पिता की ये बाते ध्यान से सुनना और समझना  


बेटी, ससुराल में सहनशीलता,धैर्य,सौम्यता और खुशी से अपने दायित्वों का निर्माण करना अब तुम्हारा जीवन खुशनुमा भी हो सकता है,और चुनौती पूर्ण भी हो सकता है,वहाँ लोग तुम्हारी गलतियो ,कमियों और नासमझी को बर्दास्त नहीं कर पाए और आलोचना करने लगे, तो धैर्य मत खोना और उनकी अपेक्षा के अनुचार खुद को ढालने की कोशिश करना अब तुम्हारा नया घर नया परिवार होगामगर हम तुम्हे पराया धन नहीं मानते। यहाँ हमेशा तुम्हारा स्वागत है यह सच है की अधिकाँश निर्णय हालात के अनुचार तुम्हे खुद ही लेने होगे ,लेकिन जब भी हमारी मदद की जरुरत होगी, निसंकोच हमें याद करना  

बेटी, अब तुम्हे नए परिवेश में खुद को ढालना होगा हां! अवश्य ही तुम ऐसे लोगो के बीच रहोंगी जो स्वीकारने ,मार्गदर्शन देने और प्यार करने को तैयार रहेंगे पति और पति के प्रियजनों, संबंधियों सभी के प्रति सम्मान भाव रखना पति के कार्यो में सहयोग करना ,धनिष्ठता बढ़ाना और खाली समय को परस्पर बांटना आलोचना और विवाद के रास्तो पर नहीं बढोंगी तो सुखी रहोंगी हां अपनी राय निसंकोच रखना ,अपनी पहचान और आत्म सम्मान को बंनाये रखते हुए, वाणी में सौम्यता बनाए रखोगी तो सामान्य बहस अप्रिय नहीं बनेगी परिवार की आमदनी और अपनी अपेक्षाओं में सामंजस्य रखना कभी भी यहाँ की और वहाँ की तुलना मत करना वहाँ की सुविधाओं अनुचार खुद को ढाल लेना अपने कर्तव्यो पर पूरा ध्यान देना, साथ ही अपनी ईश्चाओ ,योग्यता और प्रतिभा के साथ भी न्याय करना ,ताकि मन मस्तिक में कोई कुंठा ना पैदा हो जाए अपने खाने- पीने, स्वास्थ्य और विश्राम का ख्याल रखना अपने सपनो की चमक फीकी मत पड़ने देना और सदैव हँसते - मुस्कराते रहना। 


बेटी, यह भी सच है की हम जो भी चाहते है,जैसा चाहते है, वही जीवन में हमेशा नहीं मिल पाता है इसलिए जब जो मिले, उसी में खुश रहने का प्रयास करना जिन्दगी एडजस्टमेंट ,समझौते और संतुलन का नाम है यह भी याद रखना कर्तव्य का पालन करना ही काफी नहीं होता है, कर्तव्य से प्रेम करना भी जरुरी है सेवा और मेहनत से कभी कोई छोटा नहीं होता स्नेह और सहयोग में सदा उदार रहना हमारा स्नेह, आशीर्वाद और शुभकामनाये सदैव तुम्हारे साथ है। 


तुम्हारा माता-पिता !