Giving Respect is not all the way Right

Giving Respect is not all the way Right

नमन नमन में फेर हैं !



अनुतीर्ण हुआ लड़का नम्र हो तो उसमे खाश आश्चर्य नहीं, प्रशंस्नीय तो है , प्रथम नंबर से पास हुए लडके की नम्रता मे. व्यक्ति सब जगह ,हर किसी के सामने झुकता जाए इतना लाचार नहीं होना चाहिये. वही किसी के भी सामने ना नमे, इतना उन्मंत या घमंडी भी नहीं होना चाहिये।

नमन नमन में फेर है , बहुत नमे नादान। 
दगलबाज दौहरा नमे , चित्ता  चोर कमान। 

कही भी ना नमने वाला जैसे गर्विष्ठ बन जाता है ,वैसे ही हर जगह नमते रहने वाला गौरवहीन बन जाता है. गर्व  रखना नहीं चाहिए और गौरव गुमाना नहीं चाहिये. तेजस्विता और उन्मत्तता , वैसे ही नम्रत्ता और लाचारी के बीच की भेद रेखा को परख सके , उतना विवेक तो इंसान को रहना ही चाहिए।